मैं बहता सागर के मोहपाश में, हो तुम उसकी मझधार प्रिये। घनघोर घटा के मेघों से तुम गिरती बिजली की... मैं बहता सागर के मोहपाश में, हो तुम उसकी मझधार प्रिये। घनघोर घटा के मेघों से...
बाल कविता (कक्षा-2) बाल कविता (कक्षा-2)
जब पीले फूल खिल आते उस पर उसके होने का अहसास होता था I जब पीले फूल खिल आते उस पर उसके होने का अहसास होता था I
काजू भी खाया, बादाम भी खाई है अक्ल तो ठोकर खाकर ही आई है। काजू भी खाया, बादाम भी खाई है अक्ल तो ठोकर खाकर ही आई है।
नज़र आती नहीं मुफलिस की आँखों में तो ख़ुश-हाली नज़र आती नहीं मुफलिस की आँखों में तो ख़ुश-हाली